जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता ।
ॐ जय ……
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता ।
ॐ जय ……
अरिकुल पद्म विनासनि, जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता ।
ॐ जय ……
सिंह को वाहन साजे, कुण्डल है साथा,
देव वधू जहं गावत, नृत्य करत ता था ।
ॐ जय ……
सतयुग शील सुसुंदर, नाम सति कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी, सखियन रंगराता ।
ॐ जय ……
शुंभ निशुंभ विदारे, हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा ।
ॐ जय ……
सृष्टि रूप तू ही जननी, शिव संग रंगराता,
नंदी भृंगी बीन लही, सारा मदमाता ।
ॐ जय ……
देवन अरज करत हम, चित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता ।
ॐ जय ……
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता,
सदा सुखी नित रहता, सुख संपति पाता ।
ॐ जय ……
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